औरंगाबाद :राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 115वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई

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मगध एक्सप्रेसब :-औरंगाबाद जिला मुख्यालय में सिन्हा कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ रामाधार सिंह के आवास पर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन औरंगाबाद एवं समकालीन जवाबदेही परिवार के संयुक्त तत्वावधान में भारत के महान साहित्यकार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की 115 वीं जयंती समारोह धूमधाम से मनाई गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता सिंहा कॉलेज के अवकाश प्रोफेसर डॉ शिवपूजन सिंह ने किया।जबकि, संचालन संस्था के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने किया। सर्वप्रथम उपस्थित सदस्यों ने दिनकर जी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। तत्पश्चात,उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को संपोषित विचार संगोष्ठी का विषय प्रवेश करते हुए पूर्व प्रधानाध्यापक राम भजन सिंह ने कहा कि दिनकर जी सामाजिक चेतना के उत्प्रेरक कवि थे। लवकुश प्रसाद सिंह, सुरेश ठाकुर,राम सुरेश सिंह ने कहा कि कवि सैनिक से कम नहीं होते वे भी लेखनी के माध्यम से राष्ट्र के लिए लड़ते हैं।

उज्जवल रंजन,विनय मामूली बुद्धि ने कहा कि दिनकर की रचनाएं साहित्य के सभी विधाओं में गहरी छाप छोड़ी है। जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री धनंजय जयपुरी ने कहा कि दिनकर जी अभाव में रहते हुए भी साहित्य के क्षेत्र में शिखर पर पहुंचे जब भी राजनीति डगमगाती है साहित्य उसका हाथ थाम लेती है। समकालीन जवाबदेही पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने कहा कि बहुआयामी प्रतिभा के धनी दिनकर जी ने अपनी लेखनी के माध्यम से भारत के आत्मा की आवाज को पहचाना। इनकी रचनाएं मूर्ति में प्राण डालने का कार्य करती है। डा रामधार सिंह ने कहा कि दिनकर जन जन के चितेरे कवि थे। उन्होंने काव्य पाठ भी किया। डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने दिनकर जी के अनछुए पलों की चर्चा करते हुए कहा कि उनके काव्य पक्ष धवल पक्ष को विभूषित है। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ शिवपूजन सिंह ने कहा कि दिनकर जी जनवादी कवि के साथ-साथ समाजवादी एवं समतावादी कवि के रूप में भी विभूषित है। मौके पर सिंहेश सिंह ,अशोक कुमार सिंह, मुरलीधर पांडेय अलखदेव सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

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