औरंगाबाद :अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओं ने रखा हरितालिका तीज का निर्जला व्रत
संदीप कुमार
मगध एक्सप्रेस :- सोमवार को अखंड सुहाग की कामना, पति के दीर्घ स्वस्थ जीवन को लेकर सुहागिन महिलाओं ने पूरे आस्था और उल्लास के साथ हरितालिका तीज का निराजल व्रत रखा।हरतालिका तीज हिन्दू धर्म में महिलाओं द्वारा किए जाने वाले प्रमुख उपवासों में से एक हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती है। विशेषकर सुहागिन महिलाएं यह व्रत करती हैं।महिलाएं भगवान शिव, माता गौरी एवं गणेश जी की विधि-विधान से पूजा साधना कर अखंड सौभाग्य की कामना की। सारा दिन निर्जला और निराहार रही। मान्यता है कि भाद्र शुक्ल तृतीया तिथि को तीज व्रत करने से पतियों को सुख- सौभाग्य, निरोग्यता आदि का फल मिलता है। पंडित धन्जय चौबे ने बताया कि इस बार सुबह से ही यह पूजा की जा सकती है। रात्रि के 11.36 मिनट तक यह पूजा की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इसी दिन चतुर्थी चंद्र पूजन (चौरचन) भी है। हरियाली तीज, कजरी तीज और करवा चौथ की तरह तीज सुहागिनों का व्रत है। पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत सभी सुहागिनें निष्ठा के साथ रखती है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर को पाने के लिए माता पार्वती ने तीज व्रत किया था, जिसमें उन्होंने अन्न और जल तक ग्रहण नहीं किया था। इसलिए यह व्रत महिलाएं निर्जला रखती हैं। सनातन धर्म में मान्यता है कि माता भगवती पार्वती ने पति रूप में भगवान शिव को पाने के लिए हजारों वर्ष तक तपस्या की थीं। भाद्र शुक्ल तृतीया को ही महादेव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उनसे वर मांगने को कहा था। तब देवी ने कहा कि यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं तो आप मेरे पति हों। देवाधिदेव महादेव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। उसी समय से सनातन धर्मावलंबी सौभाग्यवती महिलाएं सौभाग्य व अविवाहित कन्याएं मनोनुकूल पति प्राप्ति के लिए यह व्रत करती चली आ रही हैं। महिलाएं 24 घंटे निराजल रह पति के दीर्घ जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस बार हरितालिका व्रत सोमवार के दिन होने से ज्यादा पुण्यदायी है। तीज को लेकर बाजार में शनिवार को काफी चहल-पहल रही। महिलाओं ने वस्त्र, पूजन सामग्री आदि की खरीददारी की।