बिहार :भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को मुख्यमंत्री ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की,कहा – राज्यों के विकास के पहले केंद्र सरकार से जितनी मदद मिलती थी उतनी अब नहीं मिल रही है

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मगध एक्सप्रेस :- भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी आदमकद प्रतिमा पर राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। नेहरू पार्क, पुनाईचक, पटना स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरु जी की प्रतिमा स्थल पर पुण्यतिथि के मौके पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया, जहाँ शोक सलामी दी गयी और एक मिनट का मौन धारण किया गया।कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित पार्क का फीता काटकर उद्घाटन किया और उसका निरीक्षण किया ।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, विधान पार्षद श्री प्रेमचंद मिश्रा, पूर्व मंत्री श्री विक्रम कुंवर, पूर्व विधान पार्षद श्री रामचंद्र भारती, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव श्री अरविंद कुमार, राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य श्री नंद किशोर कुशवाहा, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री शिवशंकर निषाद सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की पुण्यतिथि के अवसर पर बिहार में पहले से ही कार्यक्रम होते आया है। हर वर्ष हमलोग यहां उपस्थित होते रहे हैं। नीति आयोग की मीटिंग को लेकर काफी पहले सूचना आ गयी थी। हमने पहले ही सूचना दे दी थी कि हमारा कार्यक्रम पहले से ही तय है। अगर वहां दोपहर बाद मीटिंग होती तो हम जाते। सुबह यहां के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वहां की मीटिंग में चले जाते। वहां भी सुबह में ही मीटिंग थी लिहाजा हमने बिहार की तरफ से मीटिंग में शामिल होने को लेकर अन्य लोगों और अधिकारियों का नाम भेज दिया था लेकिन वे लोग नहीं माने। समाचार पत्र के माध्यम से हमें सूचना मिली है कि 5 राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। नीति आयोग की बैठक में हम जाते तो आपलोगों को पता चलता कि हमने कितनी बातें वहां कहीं हैं। हम एक बार फिर से विशेष राज्य के दर्जा के मुद्दे को उठाने वाले थे। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अभी तक क्यों नहीं दिया गया है। जाति आधारित जनगणना जो केंद्र सरकार ने 2011 में करायी थी, उसको इस बार इनको करना चाहिए था, जो नहीं हुआ। अपने राज्य में हमलोगों ने जाति आधारित गणना की शुरूआत की तो इस पर तरह-तरह की बातें सामने आयी हैं। राज्यों के विकास के पहले केंद्र सरकार से जितनी मदद मिलती थी उतनी अब नहीं मिल रही है। इन सब चीजों पर हम पहले से अपनी बातें कहते रहे हैं। नीति आयोग की बैठक में इसे फिर से कहते। बिहार में हमलोग काफी काम कर रहे हैं लेकिन अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता तो बिहार बहुत आगे बढ़ गया होता। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है फिर भी हमलोग विकास का काम कर रहे हैं।

संसद के नये भवन के उद्घाटन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नया भवन बनाने की क्या जरुरत थी। जब नई बिल्डिंग बनाने की बात हुई थी तो उस समय भी हमें अच्छा नहीं लग रहा था। आजादी के समय जो बिल्डिंग थी उसी को और विकसित करना चाहिए था, अलग से नया बनाने का कोई मतलब नहीं है। देश के पुराने इतिहास को बदला जा रहा है । संसद के नई बिल्डिंग का राष्ट्रपति से उद्घाटन नहीं कराये जाने को पर अन्य पार्टियां इसका बहिष्कार कर रही हैं। जो पहले से बिल्डिंग मौजूद थी उसे ही विकसित करना चाहिए था। देश के इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता है। पुरानी चीजों को खत्म कर देने से इतिहास के बारे में कैसे पता चलेगा। आजकल जो शासन में हैं वो सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे। हमलोग एक-एक चीज मानते हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को श्रद्धांजलि देने हमलोग आते रहते हैं। जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु के समय हम स्कूल में पढ़ते थे। इनकी मृत्यु का समाचार सुनकर काफी खराब लगा था। हमलोग शुरु से इनको मानते रहे हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलन में हमलोग शामिल रहे हैं, यह एक अलग चीज है। देश का इतिहास बहुत ही आवश्यक है। कल संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन समारोह बेकार है, इसका कोई मतलब नहीं है। बाकी लोगों को भी हम कहेंगे कि इस बात को समझिए । नया संसद भवन बनाने की क्या जरुरत थी। इसकी क्या आवश्यकता थी। देश में इतने दिनों से शासन चल रहा था लेकिन इसकी जरुरत नहीं महसूस की गई थी। इनलोगों को पूरा इतिहास बदलना है इसलिए सभी चीजों को बदल रहे हैं। कोई नई चीज का उद्घाटन होता है तो उसके हेड को बुलाया जाता है। राष्ट्रपति को इनलोगों ने नहीं बुलाया है। ये लोग अपने से ही उद्घाटन कर रहे हैं। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ है।

संसद भवन के उद्घाटन समारोह में सुश्री मायावती समेत विपक्ष के कई नेताओं के शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन-कौन लोग जा रहे हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।बिहार विधानसभा के विस्तारित भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल को नहीं बुलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय विधानसभा का विस्तारित भवन बना था जो लोग आज बोल रहे हैं उस समय वे लोग मेरे साथ ही थे। इस बात को वे लोग भूल गये हैं? भवन का सिर्फ विस्तार किया गया है। नया बिल्डिंग नहीं बनाया गया है। बिहार में विधानसभा का कोई नया भवन नहीं बना है। हमलोग सिर्फ उसका विस्तार किये हैं। पहले सदन की कमिटी के मेंबर को बैठने की जगह नहीं थी। ये लोग भूल इसलिए गये हैं कि अभी जो इनके नेता हैं वो चाहते हैं कि सभी चीजों को बदल दो ।2000 रुपये के नोट बंद किये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के समय एक हजार रूपये के नोट को बंद कर दो हजार रूपये के नोट को इनलोगों ने शुरु किया था। अब दो हजार रूपये के नोट को भी बंद किया जा रहा है, इसका क्या मतलब है । वे लोग क्या कर रहे हैं उन्हीं लोगों से पूछिए ।

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