औरंगाबाद:रामकथा से मनुष्य का जीवन संवर जाता है:- स्वामी गोपालाचार्य

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गौतम उपाध्याय

Magadh Express:

रामकथा के जरिए मनुष्य का जीवन संवर जाता है। वह बुरे कर्म छोड़कर नेकी की राह पर चल पड़ता है। सत्संग से मानव अपने साथ-साथ परिवार एवं समाज का भी कल्याण करने लगता है। संत की कृपा से सत्संग मिलती है और जब संत विशेष कृपा करता है तो समागम मिल जाता है। उक्त बातें शनिवार की शाम गोह प्रखंड मुख्यालय स्थित महादेव मंदिर परिसर में चतुर्मास अनुष्ठान के तहत चल रहे बाल्मिकी रामायण कथा में प्रवचन के दौरान पूज्य त्रिदंडी स्वामी शिष्य जगद्गुरु वेद मार्तंड स्वामी गोपालाचार्य जी ने कही।

उन्होंने कहा कि धर्म मात्र बौद्धिक उपलब्धि नहीं है। वह मनुष्य की स्वाभाविक आत्मा है और मनुष्य के आवरण से ढकी हुई है। इस कारण वह अज्ञात है। आवरण से उसका चैतन्य ढका हुआ है, लेकिन वह अस्त नहीं है। उन्होंने कहा कि संतों की कृपा से ही समागम मिलता है। रामकथा के जरिए मनुष्य का जीवन संवर जाता है। वह बुरे कर्म छोड़कर नेकी की राह पर चल पड़ता है। सत्संग से जुड़ने के बाद मानव अपने साथ-साथ परिवार एवं समाज का भी कल्याण करने लगता है।

संत की कृपा से सत्संग मिलता है और जब संत विशेष कृपा करता है तो समागम मिल जाता है। इस मौके पर राघव ब्रह्मचारी, आचार्य धर्मेन्द्र जी, दीपक उपाध्याय, कृष्णा साव, मनीष कुमार, उपेन्द्र उपाध्याय, भरत तिवारी, क्रांति सूर्या, सतीश उपाध्याय, मुन्ना त्रिवेदी, मोनू उपाध्याय, चंदन गुप्ता, श्रीराम पांडेय, पंकज मिश्रा, ज्योतिष चंद्रवंशी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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