औरंगाबाद:कवि सम्मलेन – सह – मुशायरा से सजी मदनपुर की धरती,देश के सुप्रसिद्ध हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के व्यंग ने दर्शकों को ठहाका लगाने पर किया मजबूर

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संजीव कुमार –

मगध एक्सप्रेस -औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड मुख्यालय के खेल परिसर मे रविवार की रात कवियों के नाम रही।शहीद – ए – आजम भगत सिंह के शहादत पखवारा पर स्वागत समिति जनवादी लेखक संघ औरंगाबाद के बैनर तले आयोजित कवि सम्मेलन सह मुशायरा का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के मशहूर कवयित्री विभा सिंह ने दर्शकों को देशभक्ति के रंग मे रंगते हुए “देश के गुमानों स्वाभिमानों का नमन है” से की।इसके पश्चात औरंगाबाद के समुन्द्र सिंह और मुजफ्फरपुर के अविनाश कुमार भारती ने शेरो शायरी से महफिल मे रंग भरने का काम किया।इसके पूर्व इस सम्मेलन मे पहुंचे कवियों का स्वागत बुके व अंगवस्त्र प्रदान कर किया गया।समुन्द्र सिंह ने “जालियांवाला बाग़ को देखकर जिसका तन मन डोला था,आजादी का सपना लेकर इंकलाब वो बोला था” से शहीद भगत सिंह को नमन किया।औरंगाबाद की बेटी अंजुम आरा ने “वतन की आन लिख देना,वतन की शान लिख देना,यहीं हिन्दु और मुसलमान है दिल की जान लिख देना,ऐ लिखने वालों तुमसे यही मेरी इतनी गुजारिश है,अगर लिखना हो तुझको तो हिन्दुस्तान लिख देना” की पंक्तियों से दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

पश्चिम बंगाल के मशहूर गजल रचनाकार प्रवेज काजमी ने “आग हो तो जलने मे देर कितनी लगती है,बर्फ के पिघलने मे देर कितनी लगती है,चाहे कोई रुक जाए,चाहे कोई रह जाए,काफिलों को चलने मे देर कितनी लगती है” से महफिल लूट ली।उन्होंने अपनी शायरी एवं गजल के माध्यम से आज के राजनितिक परिवेश पर भी कड़ा प्रहार किया।इस सम्मलेन मे आकर्षण के मुख्य केंद्र रहे देश के सुप्रसिद्ध हास्य कवि,लेखक सुरेंद्र शर्मा।जिन्होंने अपने व्यंगात्मक रचना से ना सिर्फ पति – पत्नी,आज के परिवेश पर प्रहार किया बल्कि लोगों को ठहाका लगाने और वाह,वाह चिल्लाने पर मजबूर कर दिया।व्यंग्यात्मक रचना से उन्होंने कहा कि,”कोई फर्क नहीं पड़ता है इस देश मे राजा रावण हो या राम,जनता तो बेचारी सीता इस।राजा रावण हुआ तो वनवास की चोली चली जायेगी और राम राजा हुआ तो अग्नि परीक्षा के बाद फिर वनवास चली जायेगी।उन्होंने मजदूर के मेहनत और मनुष्य के आलसीपन पर व्यंग करते हुए कहा कि, दौड़ना,घूमना,टहलना सब बंद कर दो।घोड़ा दौड़ता है तो 20 साल जिंदा रहता है और अजगर पड़ा रहता है तो हजारों साल जिंदा रहता है।

इसके बाद विभा सिंह ने दर्शकों को श्रृंगार रस मे सराबोर करते हुए अपनी मधुर सुरों से कहा कि, “निगाह कुछ भी करे दिल से भूल मत करना,गुलाब जिंदगी है तो बबूल मत करना,तुम्हारे दिल को खिलौना समझकर जो खेले,कभी तुम उसकी मोहब्बत कबूल मत करना” और “मोम पत्थर को करे इश्क तो अजब हस्ती है,,साँप रस्सी बना और लाश बनी कश्ती है,कोई तुलसी ही जमाने को बता पायेगा,प्राण से प्यारे क्यूं रत्नावली की बस्ती है” से दर्शकों का मन मोह लिया।हिंदी एवं मगही के मशहूर साहित्यकार,कवि और जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष अलखदेव प्रसाद ‘अंचल ‘ ने अपनी रचना से दर्शकों के बिच समां बाँध दिया।स्थानीय शायर इक़बाल अख्तर दिल और पटना के मशहूर कवि असर फरीदी ने अपनी प्रस्तुति से महफिल मे चार चाँद लगा दिया।

वाह,वाह,बहुत खूब और हाजिर जवाबी शायरी के साथ मशहूर शायर आफताब राणा ने उद्घोषक की भूमिका निभाई।सम्मेलन के संचालक क़ामरेड वीरेंद्र प्रसाद एवं घटराईन पंचायत के मुखिया संजय यादव रहे।इस दौरान जिला पार्षद शंकर यादवेन्दु,सरेंद्र प्रसाद यादव,विकास दिव्यकीर्ति,राजद के वरीय नेता सह रफीगंज के पूर्व मुखिया शहजादा शाही,रविन्द्र कुमार यादव,लालदेव प्रसाद,शिवपूजन यादव,राजकुमार प्रसाद,मुखिया हमीद अख्तर उर्फ़ सोनू,विवेक कुमार उर्फ़ बाबू,मुखिया प्रतिनिधि रंजीत यादव,पैक्स अध्यक्ष महेन्द्र यादव,पूर्व मुखिया प्रतिनिधि श्यामसुंदर प्रसाद उर्फ़ लम्बू यादव, पंचायत समिति प्रतिनिधि विजय कुमार उर्फ़ गोलू यादव,सत्येंद्र यादव,लखन यादव,एहसान,वीर अभिमन्यु,अमित कुमार आदि सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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