औरंगाबाद :पानी मे डूबा रहता है विद्यालय तक पहुँचने वाली सड़क , जान जोखिम में डाल विद्यालय पहुंचने को मजबूर नौनिहाल
जिले में आये दिन विकास कार्यों की जाँच की जा रही है लेकिन आज भी बुनियादी सुविधाओं से ग्रामीण वंचित है।लेकिन सवाल उठता है कि विकास कार्यो की जाँच के लिए पंचायतो में पहुँच रहे अधिकारियों की नजर मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी क्यो करती है । आखिर अधिकारीयो की क्या मजबूरी है या जाँच सिर्फ कागजी कार्यवाई है । जिले के वरीय पदाधिकारी को ऐसे मामलों में स्वयम संज्ञान लेने की जरूरत है ।
बिहार के औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरा के सोनवर्षा गांव जहां नौनिहालों को पढ़ने के लिए विद्यालय तो जरूर बना दिया गया मगर इस गांव के नौनिहालों का भविष्य को लेकर उनके परिजन खासे नाराज है। दरअसल बरसात के इस मौसम में स्कूल जाने वाले पिण्ड यानी मुख्य सड़क पर काफी जल जमाव होने से न सिर्फ उनके मकान इसके चपेट में आया है बल्कि स्कूल तक जाने वाले सड़क में पानी का जमाव होने से नौनिहालों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। ग्रामीणों ने सिस्टम तथा जनप्रतिनिधियों पर कई गंभीर आरोप लगाया है ।
सोनवर्षा गाँव नबीनगर से नबीनगर रेलवे स्टेशन के बीच मुख्य सड़क पर नबीनगर से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और मुख्य सड़क से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है गाँव का प्राथमिक विद्यालय जहाँ तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है । पिंड तो है लेकिन अबैध कब्जा और पिंड पर रास्ता कटा होने के कारण बरसात के दिनों में पिंड पर कमर भर पानी भरा होता है ऐसे में बच्चों के लिए विद्यालय पहुँच पाना किसी खतरे से कम नहीं है ।
ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 60 से ज्यादा बच्चे इस प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते है जिन्हें बरसात के दिनों में विद्यालय तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उनकी जान पर हमेशा खतरा बना हुआ होता है । बेचारे शिक्षक भी बहुत मुश्किल से विद्यालय तक पहुंच पाते है ।ग्रामीणों ने मगध एक्सप्रेस न्यूज से बात करते हुए कहा कि बारिश के बाद पूरा आस पास के घर भी पानी मे डूब जाते है । घरों से पानी निकलना पड़ता है । हमलोग नारकीय जिंदगी जीने को विवश है लेकिन ना तो कोई जनप्रतिनिधि और न ही अधिकारी इस समस्या पर संज्ञान ले रहे है । ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के राजद विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू ने चुनाव में वादा किया था कि अगर हम जीतते है तो सबसे पहले विद्यालय तक पहुंचने वाले इस पिंड को बनवाएंगे लेकिन जितने के बाद झांकी मारने तक नहीं आये । ग्रामीणों ने कहा की बगल से किसी तरह आरी के सहारे बच्चे और शिक्षक विद्यालय तक पहुंचते है लेकिन कभी भी फिसलकर गिरने का खतरा बरकरार रहता है । कई बार तो पानी इतना भर जाता है कि विद्यालय तक पहुंच पाना शिक्षक और छात्रों दोनो ही के लिए मुश्किल हो जाता है ऐसे में विद्यालय बंद रखने के अलावा कोइ चारा नही होता है ।
ग्रामीणों ने जिला प्रसाशन से माँग करते हुए कहा है कि विद्यालय तक पहुंचने के इस सड़क का निर्माण जल्द से जल्द करवाया जाए । ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में भी इस समस्या के लिए कई आवेदन दिए गए है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ । ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से स्वयम आकर जाँच करने की माँग की और बच्चों को ऐसे नारकीय व्यवस्था से निजात दिलाने का अनुरोध किया है ।
इस बाबत पिपरा ग्राम पंचायत मुखिया प्रतिनिधि अनिल कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने बताया की यह मामला बिलकुल सत्य है जिसे लेकर वे काफी गंभीर हैं।कहा की मनरेगा योजना के तहत प्राथमिकता सूची के आधार पर सड़क निर्माण जल्द से जल्द कराने का अथक प्रयास करेंगे ताकि नौनिहालों का भविष्य खतरे में न पड़ सके। इस कार्य में उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों तथा जिला प्रशासन से सहयोग करने की अपील भी किया है