औरंगाबाद : डीएम साहब ध्यान दें ,यहाँ बना कचड़ा घर तो नौनिहालों के पठन पाठन में आएगी मुश्किलें , ग्रामीणों को भी होगी परेशानी
औरंगाबाद के इस पंचायत में 10 +2 विद्यालय भवन के समीप कचड़ा घर बनाया जा रहा है जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है ग्रामीणों का कहना है कि यहाँ कचड़ा घर बनने से विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को परेशानी होगी ।
दरअसल पूरा मामला औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखण्ड के बड़ी खुर्द पंचायत का है । पंचायत के देउरी और पिठनुआ गाँव के बीच करीब 1.5 करोड़ की लागत से 10 +2 विद्यालय का निर्माण हुआ है जहाँ जल्द ही बच्चो का पठन पाठन प्रारम्भ होगा ।
विद्यालय से 100 मीटर की दूरी पर बिहार लोहिया स्वक्छ अभियान के तहत कचड़ा डंपिंग के लिए कचड़ा घर का निर्माण पंचायत के मुखिया के द्वारा कराया जा रहा है जिसको लेकर देउरी और पीठनुआ गाँव के लोगो मे आक्रोश है और ग्रामीणों द्वारा इस कचड़ा घर को उक्त स्थान से हटाकर कहीं अन्यत्र ले जाने की माँग जिला के पदाधिकारियों से की है ।
बगल से बहता है पइन ,बरसात में लगता है सड़क पर पानी ,डूब जाएगा कचड़ा घर
ग्रामीणों ने मगध एक्सप्रेस न्यूज पोर्टल को जानकारी देते हुए बताया की जिस जगह पर कचड़ा घर का निर्माण कराया जा रहा है वह जमीन कास जमीन है और उसके बगल में पइन है जिसके सहारे आस पास पटवन भी होता है । ग्रामीणों ने कहा कि बगल में पुनपुन नदी होने के कारण पइन मे भारी पानी का बहाव होता है और सड़क पर 5 फुट पानी लग जाता है । कचड़ा घर सड़क से करीब 8 फुट नीचे है । ऐसे में जब पईंन का पानी कचड़ा घर को डुबो देगा ।
ग्रामीणों ने कहा है कि ये निर्माण पूरी तरह से अवैध है । कास जमीन पर बिना किसी एनओसी के मुखिया द्वारा निर्माण कराया जा रहा है जो मुखिया के मनमानी को दर्शाता है । गाँव की महिलाओं ने कहा है कि इस योजना को जहाँ इक्छा है पंचायत में कही और ले जाया जाए लेकिन इस जगह पर इसे नहीं बनना चाहिए । यहाँ पर कचड़ा से निकलने वाले दुर्गन्ध से महज 100 मीटर की दूरी पर बने विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए काफी मुश्किल होगा और कचड़े से निकलने वाले दुर्गन्ध से न सिर्फ बच्चो को मुश्किल होगी बल्कि सड़क से होकर प्रतिदिन गुजरने वाले कई गाँव के ग्रामीण प्रभावित होंगे और उन्हें सड़न भरी दुर्गन्ध के बीच से होकर गुजरना पड़ेगा ।
हर हाल में यहाँ से हटना चाहिए कचड़ा घर नहीं तो बच्चों को होगी परेशानी
वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए देउरी गाँव निवासी अरविंद सिंह ने कहा कि हमलोग पहले मीडिया के माध्यम से जिला के वरीय अधिकारियों को अवगत करा रहे है । अगर वरीय पदाधिकारी द्वारा इस मामले में त्वरित कार्यवाई नहीं हुई तो हमसब ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे । कुछ भी करना पड़ेगा लेकिन गाँव का विनाश नहीं होने देंगे । सरकार गाँव का विकास करना चाह रही है तो वहीं मुखिया विनाश करने पर तुले है । हम नही चाहते कि हमारे देश के भविष्य और हमारे गाँव के बच्चे कचड़े से उठ रही दुर्गन्ध के बीच पढ़े ।क्योंकि स्वच्छ वातावरण में ही पढ़ाई सम्भव है । कचड़ा घर से निकलने वाली दुर्गन्ध से बच्चों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ेगा । इसलिए इस जगह पर किसी भी हाल में कचड़ा घर नही बनना चाहिए । ये सिर्फ कागजी योजना भी साबित होगा । उन्होंने कहा की डीएम साहब स्वयम आकर जाँच कर लें । उन्होंने कहा कि हम सभी ग्रामीण यही चाहते है कि कचड़ा घर कहीं अन्यत्र बनाया जाय यहाँ पर नहीं ।