औरंगाबाद :दर्जनों गाँव को जोड़ने वाली सिरौंधा उत्तरी कोइल नहर का क्षतिग्रस्त पूल दुर्घटना को दे रही है बुलावा,ग्रामीणों मे आक्रोश

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संजीव कुमार –

मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के दक्षिण मे सिरौंधा गाँव के समीप उत्तरी कोइल नहर पर बना पूल क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों मे जहाँ एक तरफ भय का माहौल है तो वहीं पदाधिकारियों के प्रति आक्रोश भी व्याप्त है।दर्जनों गाँव को जोड़ने वाली यह पूल कई तरह के आशांकित दुर्घटनाओं को बुलावा दे रही है।लेकिन इसके बावजूद पदाधिकारी अंजान बने बैठे हैँ।शुक्रवार को इसके लिए कई ग्रामीणों ने विरोध भी जताया है।ग्रामीण सह दक्षिणी उमगा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष उपेंद्र यादव,रामजी चौधरी,महेश सिंह भोगता,संतोष यादव,प्रमोद कुमार,सिकंदर कुमार,मुकेश कुमार,अखिलेश कुमार,उप मुखिया प्रतिनिधि सुरेंद्र कुमार,गुड्डू कुमार,सत्येंद्र रिकियासन आदि ने बताया कि, मदनपुर प्रखंड से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उत्तरी कोइल नहर पर बना पूल एक वर्ष से क्षतिग्रस्त है।

इसका मुख्य कारण है नहर से सिरौंधा,बाबुबांध, बादम,पिछुलिया आदि गाँव को जोड़ने वाली सडक की मरम्मति कार्य।कार्य मे लगे पदाधिकारियों एवं ठीकेदारों को इसके बारे मे जानकारी दी गयी थी कि, पूल कमजोर है।इसपर भारी वाहन नहीं ले जाएँ।लेकिन ग्रामीणों की बातों को दरकिनार करते हुए ओवर लोडेड हाईवा गाड़ी के ले जाने से पूल का उत्तरी छोड़ टूट गया।इससे दर्जनों गाँव का आवागमन बाधित हो गया है।ग्रामीणों के द्वारा ईंट व मिट्टी से टूटे हुए हिस्सों मे भराई कर तत्काल आवागमन की व्यवस्था की गयी है।लेकिन हमेशा दुर्घटना का डर बना रहता है।नहर के दोनो साइड गहराई होने से उसमे गिरने का डर बना रहता है।

इसे लेकर गुरुवार की शाम निरीक्षण करने आये पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से लिखित व मौखिक शिकायत की गयी है।उनके द्वारा इसे जल्द मरम्मति का आश्वासन दिया गया है।लेकिन अगर समय रहते इसे दुरुस्त नहीं किया जाता है तो यह क्षतिग्रस्त कितने ग्रामीणों की जान ले लेगी।ग्रामीणों ने बताया कि, जंगल से सुखा लकड़ी लेकर भारी संख्या मे लोग आते हैँ।उन्हे हमेशा भय रहता है कि, कहीं नहर मे ना गीर जाएँ।इस पूल से होकर स्कूली बच्चे,बीमार ग्रामीण,छोटे वाहन आदि कई तरह के आवागमन होता है लेकिन क्षतिग्रस्त पूल की वजह से लोग जान जोखिम मे डालकर पूल पार करते हैँ।अगर तत्काल इसे दुरुस्त नहीं किया जाता है तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे

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