औरंगाबाद :2022 के समापन और 2023 के आगमन के अवसर पर हमने 1 वर्ष में क्या खोया और क्या पाया तथा सामाजिक समरसता की दिशा में लिट्टी चोखा के साथ बैठक
मगध एक्सप्रेस :- औरंगाबाद जिले के ओबरा विधानसभा अंतर्गत दाउदनगर प्रखंड के तरार ग्राम के एक निजी मैरिज हॉल में 2022 के समापन और 2023 के आगमन के अवसर पर हमने 1 वर्ष में क्या खोया और क्या पाया तथा सामाजिक समरसता की दिशा में लिट्टी चोखा के साथ बैठक का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता रामसकल मेहता एवं सफल संचालन वार्ड सदस्य मिस्टर जी ने किया इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष श्री संजय मेहता ने कहा कि सामाजिक समरसता की दिशा में शहर की अपेक्षा गांव आगे हैं उन्होंने कहा कि सभी जाति धर्म एवं सभी विचारधारा के बुद्धिजीवी समाज के लोगों को महीने में एक बार बैठ कर आपस में विचारों का आदान प्रदान करना चाहिए जिसे समाज में सद्भावना प्रेम और भाईचारा बना रहता है।
उन्होंने सामाजिक समरसता की परिभाषा देते हुए कहा कि सामाजिक समरसता का अर्थ है- सभी को अपने समान समझना। जातिगत भेदभाव एवं अस्पृश्यता को दूर कर लोगों में परस्पर प्रेम एवं सौहार्द बढ़ाना तथा समाज के सभी वर्गों एवं वर्णों के मध्य एकता स्थापित करना ही सामाजिक समरसता है। जाति दोष का भेद ही समाज में समरसता का अभाव उत्पन्न करता है। इस कार्यक्रम में समाजसेवी बुद्धा पब्लिक स्कूल के संचालक अमरेंद्र कुमार सिंह,डॉक्टर अनुज दुबे,भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश कुमार वर्मा, वार्ड सदस्य नवीन कुमार, पंकज दुबे, दिनेश प्रसाद शिक्षक, उमेश मेहता, डॉक्टर राजेंद्र दुबे, मनोज कुमार, दयानंद शर्मा अधिवक्ता, ओम प्रकाश नेता, रमेश भगत, रामप्रवेश सिंह, जितेंद्र मेहता, मनोरंजन प्रसाद, महेंद्र प्रसाद सिंह, भास्कर कुमार चंद्रवंशी, अरुनिश कुमार, उपेंद्र प्रसाद सिंह, धर्मेंद्र कुशवाहा इत्यादि सैकड़ों लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए सामाजिक समरसता कैसे कायम हो इस विषय में अपना विचार प्रकट कि