औरंगाबाद:फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक,फसल अवशेष जलाने वाले वाले किसानों पर सीआरपीसी की सुसंगत धारा-133 के तहत एवं आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई करने का निर्देश

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Magadh Express:- मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जिला पदाधिकारी औरंगाबाद एवं जिला कृषि पदाधिकारी के साथ फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में बैठक कर विशेष जानकारी दी गई है। मुख्य सचिव, बिहार के निर्देशानुसार एक सप्ताह के अन्दर प्रमुख की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित बैठक करना है एवं इसकी सूचना अधोहस्ताक्षरी को भी उपलब्ध करायेंगे। फसल कटनी के पूर्व जिले में कम्बाईन हार्वेस्टर के मालिक/संचालक के साथ बैठक कर उन्हें फसल अवशेष न जलाने हेतु सचेत करें।

कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालन के पूर्व जिला प्रशासन से अनुमति पत्र प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही कम्बाईन हार्वेस्टर के मालिक/संचालन के द्वारा फसल अवशेष न जलाने के सम्बंध में शपथ-पत्र देने का भी प्रावधान किया गया है। इसे सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए होर्डिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाय। जिला सूचना एवं जन सम्पर्क संभाग के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जाय। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से अधिक-से-अधिक लोगों को फसल अवशेष को खेतो में न जलाने के प्रति जाकरूक किया जाय। पंचायत भवन में फसल अवशेष प्रबंधन से सबंधित बैनर तथा सरकारी भवनों में फसल अवशेष के महत्व पर स्लोगन का दीवार लेखन के माध्यम से प्रचार किया जाय। साथ ही, फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में पंचायत स्तर पर माईकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाय।

फसल अवशेष प्रबंधन के प्रचार-प्रसार करने एवं जागरूकता फैलाने के बावजूद भी फसल अवशेष जलाने की घटना होने पर सबंधित किसान को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं से प्राप्त लाभ से वंचित करने हेतु तीन वर्ष तक डी0बी0टी0 ब्लॉकिंग करने की कार्रवाई सुनिश्चित करना। फसल अवशेष जलाने वाले वाले किसानों पर सीआरपीसी की सुसंगत धारा-133 के तहत एवं आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई की जाय। यांत्रिकरण योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों के प्रति जाकरूकता हेतु जीविका, पंचायती राज सस्थानों, पैक्स आदि के माध्यम से किया जाय। कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं जीविका समूहों के द्वारा कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित है। तीनों संभागों के समन्वय से कस्टम हायरिंग सेन्टर से आच्छादित रकवा में फसल अवशेष जलाने की घटना में कमी आई है अथवा नहीं इसका आकलन किया जाय।

वैसे पंचायत जहॉ पूर्व में फसल अवशेष जलाने की घटनायें ज्यादा होती रही है। वहॉ पर सघन अनुश्रवण किया जाय एवं संबंधित पंचायतों के कृषि सम्नवयकों से प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने की घटनाओं से संबंधित सूचना, यांत्रिकरण योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों का किसानों के बीच उपलब्धता की स्थिति तथा फसल अवशेष को नहीं जलाने हेतु पंचायत स्तर पर किये गये जागरूकता अभियान के तहत किये गये प्रयास से सबंधित प्रतिवेदन प्राप्त किया जाय।

फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित विभाग के सभी पहलुओं के सही कार्यान्वयन की जिम्मेवारी सबसे न्यूनतम स्तर पर सबंधित पंचायत की कृषि समन्वयक की होगी। कृषि समन्वयकों द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटना की सूचना प्राप्त करने एवं फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने संबंधी पहल कराने की दिशा मे आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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