बिहार :नवनियुक्त पशु चिकित्सा पदाधिकारी एवं मत्स्य विकास पदाधिकारियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री,नवनियुक्त 283 पशु चिकित्सा पदाधिकारियों एवं 194 मत्स्य विकास पदाधिकारियों को मिला नियुक्ति पत्र

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मगध एक्सप्रेस :-बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से संबंधित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुये। सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र स्थित ज्ञान भवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्यमंत्री ने विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा नवनियुक्त 283 पशु चिकित्सा पदाधिकारियों एवं 194 मत्स्य विकास पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव डॉ० एन० सरवन कुमार ने मुख्यमंत्री को हरित गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के लिए मैं पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को बधाई देता हूँ तथा कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का अभिनंदन करता हूँ। इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज जिन लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है, उनके पोस्टिंग के स्थान का भी निर्धारण कर दिया गया है। आज 477 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। राज्य में पशु चिकित्सकों के 1,820 पद हैं, जिनमें वर्तमान में 1072 पशु चिकित्सक कार्यरत हैं। इस नई बहाली के बाद इनकी कुल संख्या बढ़कर 1,355 हो गयी है। इसी तरह से मत्स्य कर्मियों एवं पदाधिकारियों के कुल 1,723 पद हैं, जिनमें वर्तमान में मात्र 465 मत्स्य कर्मी / पदाधिकारी ही कार्यरत हैं। नई बहाली होने के बाद मत्स्य कर्मियों / पदाधिकारियों की कुल संख्या बढ़कर 659 हो गयी है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। हमने सभी विभागों को कहा है कि जो शेष रिक्त पद हैं, उन सभी रिक्त पदों पर जल्द ही नियुक्ति हो। इसके लिए कबिनेट की बैठक में रिक्त पदों के लिये स्वीकृति दी जा रही है। विभिन्न विभागों में बहुत जल्द कई लाख लोगों की नियुक्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2008 से कृषि रोड मैप बनाकर काम करना शुरु किया। इसके तहत कृषि के साथ-साथ पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का भी काम किया जाता है। पहले पशु मत्स्य संसाधन विभाग के तहत काम कम होता था। हमलोगों ने कृषि रोडमैप बनाकर लक्ष्य निर्धारित किया। अब खेती बढ़ रही है, बिहार के 75 प्रतिशत लोग कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन पर निर्भर हैं। तीसरा कृषि रोडमैप वर्ष 2022 तक था, जिसे वर्ष 2023 तक विस्तारित किया गया है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की बड़ी जिम्मेवारी है। हमलोगों ने विभागीय पदाधिकारियों को बाहर भेजकर पशु एवं मत्स्य संसाधन (मछली, बकरी, मुर्गी आदि) के क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को दिखवाया। हमलोग कृषि से जुड़े देश भर के विशेषज्ञों को बुलाकर उनके साथ विचार-विमर्श करते हैं और फिर उसी आधार पर कृषि रोडमैप को आगे बढ़ाया जाता है। पशु विश्वविद्यालय का नामकरण पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के रूप में पहली बार बिहार में किया गया। इसके बाद ही देश के दूसरे राज्यों में भी पशु विज्ञान विश्वविद्यालय नामकरण किया जाने लगा। हमलोगों के कामों की चर्चा काफी कम होती है लेकिन आपलोग ध्यान में रखियेगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की आमदनी बढ़ाने को लेकर सरकार काम कर रही है। परिवार की आमदनी बढ़ेगी तो बच्चे भी खुशहाल रहेंगे। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ-साथ महाविद्यालयों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। बिहार में पशुओं के विकास के लिए अलग से यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। पटना में डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज, किशनगंज में वेटनरी कॉलेज और फिशरीज कॉलेज की स्थापना की गयी है। पहले कृषि की पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती थी। एकाध जगहों पर ही पढ़ाई हुआ करती थी और कुछ लोग बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते थे। हमलोगों ने कृषि महाविद्यालयों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ सभी छात्रों को दो हजार रुपये प्रतिमाह देना शुरू किया। छह हजार रुपये प्रतिवर्ष किताब वगैरह के लिए भी दे रहे हैं। पहले एडमिशन लेकर भी कुछ छात्र पढ़ाई नही करते थे। अब उनकी संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। कृषि हो, चाहे पशुपालन हो, दोनों के विकास के लिए हम सभी लोग पूरे तौर पर काम कर रहे हैं। आप लोगों की नियुक्ति होने से काम को बढ़ावा मिलेगा और इससे उत्पादन के साथ-साथ लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि पहले बाहर से मछली मंगाई जाती थी। बिहार में मछली का उत्पादन वर्ष 2007-08 में 02 लाख 79 हजार मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 07 लाख 62 हजार मीट्रिक टन हो गया है। कृषि रोड मैप में हमारा मछली उत्पादन का लक्ष्य 8 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है। अब बिहार में काफी कम मछली बाहर से आ रही है। बिहार में उत्पादित मछली दूसरे राज्यों में भी भेजी जा रही है। मांस का उत्पादन भी दोगुना हो गया है। संस्थान को बढाने के साथ-साथ लोगों की नियुक्ति भी की जा रही है। पशु विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए और कॉलेजों की स्थापना की जायेगी, इससे रोजगार का सृजन भी होगा ।मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के शिक्षित होने से प्रजनन दर में कमी आएगी। हमने कहा है कि किस बिरादरी की लड़कियां कम पढ़ रही हैं, उन्हें चिन्हित करें ताकि सभी समुदाय की अधिक से अधिक लड़कियां शिक्षित हो सकें। बिहार का प्रजनन दर 4.3 से घटकर अब 2.9 पर आ गया है, इसे 2 पर लाना है। आबादी बढ़ने से कई प्रकार दिक्कतें सामने आती हैं। आबादी बढ़ने से खेत का रकबा घट रहा है। क्षेत्रफल के दृष्टकोण से देश में बिहार 12वें स्थान पर है, जबकि जनसंख्या में तीसरे स्थान पर है। अब कहा जा रहा है कि यह दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग काम कर रहे हैं और यहां लॉ एंड आर्डर की कोई समस्या नहीं है। कुछ लोग अनाप-शनाप बोलकर सिर्फ दुष्प्रचार करने में लगे रहते हैं। वे लोग जहां-जहां राज कर रहे हैं, वहां कोई काम नहीं हो रहा है। आज केंद्र से राज्यों का हिस्सा भी नहीं मिलता है। बिहार के साथ-साथ देश के सभी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। अगर देश के पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो भारत दुनिया के विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। कुछ लोग सिर्फ राज करना चाहते हैं, हमलोगों की रुचि काम करने में है। आज कल मोबाइल पर ही लोग सब कुछ देखते रहते हैं । लोग कुछ-कुछ बोलते रहते हैं। सभी वर्गों के लोगों को एकजुट रहकर एक-एक बात को समझने की जरूरत है। बिहार दुनिया का सबसे पुराना स्थल है। बिहार के विकसित होने से देश भी विकसित हो जाएगा। देश में आज काम नहीं हो रहा है सिर्फ प्रचार हो रहा है। नवनियुक्त सभी पदाधिकारियों को मैं बधाई देता हूं। आप सभी लोग अच्छे ढंग से काम कीजिएगा और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करियेगा । शेष रिक्त पदों पर कुछ महीने के अंदर ही बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी ।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, मंत्री पशु एवं मत्स्य संसाधन मो० आफाक आलम, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी एवं सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन डॉ० एन० सरवन कुमार ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिखा श्रीवास्तव, निदेशक पशुपालन श्री विजय प्रकाश मीणा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के पदाधिकारीगण, कर्मचारीगण तथा नवनियुक्त पशु चिकित्सक एवं मत्स्य विकास पदाधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के कार्यक्रम में दिये गये बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णिया जायेंगे तो उसी समय सारी बात बतायेंगे। वे टारगेट कर रहे हैं तो करने दीजिये। पूर्णिया जायेंगे तो पूर्णिया और पूरे इलाके के विकास को देखेंगे और चर्चा भी करेंगे। जो लोग कुछ बोले हैं तो उन्हें बता दिया जायेगा । श्रीमती सोनिया गांधी से हुयी मुलाकात के संबंध में पूछे गये प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री लालू प्रसाद यादव हमारे साथ थे। श्रीमती सोनिया गाँधी जी से बातचीत हुई। उनके घर के बाहर पत्रकारों को हमलोगों ने उनसे हुई बातचीत के संबंध में सारी बात बता दी थी। कॉग्रेस पार्टी का अभी चुनाव है उसके बाद हमलोग सब चीज डिसाइड करेंगे। श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात पर भाजपा नेता श्री सुशील कुमार मोदी द्वारा दिये गये बयान को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा- वे बेचारे अपने लिये ट्राई कर रहे हैं। उस आदमी को रोज बोलना है। रोज बोलेंगे इसके बाद उनको कुछ मिल जाय ये अच्छी बात है। उनको कहिये कि आप रोज अनाप-शनाप बोलिये वो खुश होते हैं। श्री अमित शाह द्वारा पूर्णिया में एयरपोर्ट बनने के सवाल पर कहा कि एयरपोर्ट वो बनवाये हैं ? वहां एयरपोर्ट का निर्माण कितना पहले हुआ है। हमलोगों ने उसके लिये वहां पर जगह दे दी। वहां से लोगों को आने में सुविधा होगी। हमलोग जब वहां जाते हैं, एक-एक चीज को देखते हैं। हमलोग इस काम में लगे हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा जमीन नहीं देने की बात पर कहा कि जहां पर रास्ते की सुविधा है वहीं पर जमीन की व्यवस्था की गयी है। 20 लाख रोजगार देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सात निश्चय -2 में जो तय किया गया है उस पर भी काम किया जा रहा है। हमलोग इसको लेकर फिर बैठकर डिस्कस किये हैं। हमलोग हर डिपार्टमेंट के लिये काम कर रहे हैं।

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