औरंगाबाद :स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक ,चिकित्सकों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाने का निर्देश ,निर्धारित रोस्टर के अनुसार जो चिकित्सक कार्य नहीं करते हैं अथवा जो चिकित्सक मात्र दो-तीन दिन ही कार्य कर रहे हैं उन्हें किए गए ड्यूटी के अनुसार ही मिलें वेतन,गलत रेफरल की जांच के साथ-साथ जिले में बिना पंजीकरण डिलीवरी करने वाले अस्पतालों की जांच प्रशासन के द्वारा करने का निर्देश,
मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिला पदाधिकारी श्री कांत शास्त्री द्वारा समाहरणालय के सभा कक्ष में बैठक आयोजित कर स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई. इस क्रम में उपस्थित सभी उपाधीक्षक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं जिले में कार्यरत डेवलपमेंट पार्टनर प्रतिनिधियों सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारीयों को समीक्षित विभिन्न बिंदुओं पर आवश्यक निर्देश दिए गए. उक्त आशय की जानकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. अनवर आलम द्वारा दी गयी.
जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया गया कि जिला पदाधिकारी द्वारा सदर अस्पताल, औरंगाबाद में सिजेरियन, हाइड्रोसील, हर्निया जैसे ऑपरेशन की व्यवस्था सामान्य रूप से कराने हेतु उपाधीक्षक सदर अस्पताल, औरंगाबाद को निर्देश दिया गया. सिजेरियन की आवश्यकता पड़ने पर सदर अस्पताल से रेफर होने के समय अधीक्षक, उपाधीक्षक अथवा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि प्रसूति को किन परिस्थितियों में किसी दूसरे संस्थान में रेफर किया जा रहा है तथा रेफर करने का औचित्य सही है अथवा नहीं. गलत रेफरल की जांच के साथ-साथ जिले में बिना पंजीकरण डिलीवरी करने वाले अस्पतालों की जांच प्रशासन के द्वारा करने का निर्देश दिया गया. सिविल सर्जन एवं उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, औरंगाबाद को आदेशित किया गया कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ अथवा जनरल सर्जन चिकित्सकों की उपलब्धता चौबीस घंटे कराते हुए सिजेरियन की व्यवस्था कराई जाय ताकि सुविधा के अभाव में अन्य संस्थाओं में जाने की नौबत नहीं आए. अनुमंडलीय अस्पताल, दाउदनगर में सिजेरियन सेक्शन की संख्या में कमी को लेकर खेद व्यक्त की गई.
बिना पंजीकरण संचालित अल्ट्रासाउंड क्लिनिको पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.यह पता चलने पर कि सदर अस्पताल से लेकर सभी प्राथमिक,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापित चिकित्सकों द्वारा सरकार के दिशा-निर्देशों अनुसार ड्यूटी नहीं की जा रही है. कुछ ही चिकित्सक बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाते हैं, कुछ सप्ताह में मात्र दो-तीन दिन की ड्यूटी करते हैं तथा अपनी मर्जी अनुसार अस्पताल आते हैं. इस संबंध में जिला पदाधिकारी द्वारा सख़्त निर्देश दिया गया कि ड्यूटी की अवधि में कमी स्वीकार्य नहीं होगी. निर्धारित रोस्टर के अनुसार जो चिकित्सक कार्य नहीं करते हैं अथवा जो चिकित्सक मात्र दो-तीन दिन ही कार्य कर रहे हैं उन्हें किए गए ड्यूटी के अनुसार ही वेतन/मानदेय दिया जाए. सभी उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को यह आदेशित किया गया कि चिकित्सकों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनवाना सुनिश्चित करें.
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के इंप्लीमेंटेशन को संतोषजनक नहीं पाया गया. निर्देशित किया गया कि आवश्यक प्रशिक्षण कराते हुए कार्यक्रम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कराया जाए. संस्थागत स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावित तरीके से आयोजित करने के संबंध में निर्देश दिया गया.प्रत्येक माह आंगनवाड़ी केंद्रों पर आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी के दौरान गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच, गर्भवती एवं बच्चों के टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित प्राथमिक सुविधा उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने जिला स्तरीय पदाधिकारी को निर्देशित किया कि वह प्रखंडों में जाकर के नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रमों को मॉनिटर करें तथा जो कार्यक्रम पीछे रहे हैं उनकी साप्ताहिक समीक्षा कर आवश्यक सुधार करें.
इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किशोर कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, जिला लेखा प्रबंधक मोहम्मद अफरोज हैदर, जिला एपिडेमोलॉजिस्ट उपेंद्र कुमार चौबे, डीसीएम आनंद प्रकाश, आरबीएसके कोऑर्डिनेटर नीलम रानी, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, जिला एमई पदाधिकारी अविनाश कुमार सहित जिला स्वास्थ्य समिति, औरंगाबाद के तमाम अधिकारी एवं डेवलपमेंट पार्टनर के प्रतिनिधि, सभी उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं अन्यान्य उपस्थित रहे.