औरंगाबाद :नागपंचमी पर वार के बाकस बाबा मंदिर मे उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़,किया दुग्धाभिषेक
संजीव कुमार –
मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले में श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का पर्व श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया।सोमवार को मदनपुर प्रखंड के वार स्थित बाकस बाबा मंदिर एवं शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। सुबह से ही मंदिरों में भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। इस पर नागदेवता की मूर्तियों का दूध से अभिषेक कर विशेष श्रृंगार कर चोला चढ़ाया गया।बाकस बाबा मंदिर में सैकड़ों भक्तों ने दर्शन किए।शास्त्रों के अनुसार इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है।सावन की नागपंचमी में खास पूजा-पाठ का विधान कि। इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
इस खास दिन का लाभ उठाने के लिए अहले सुबह से ही मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके साथ ही लोगों ने घर पर भी नागपंचमी की पूजा करी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस दिन विधि विधान से नाग देवता की पूजा करता है उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।साथ ही मनुष्य और उसके परिवार को नाग भय भी नहीं रहता है।पूजा के साथ साथ इस दिन कई लोग भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत भी करते हैं।इसके अलावा काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी का दिन सबसे उत्तम है।
धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि, सर्प धन दायक होते हैं।इसलिए सांपो को मारना नहीं चाहिए बल्कि, उनकी पूजा करनी चाहिए।मान्यता है कि जहां सांप पूंछ पटकर चले जाता है वहां धन की कोई कमी नहीं होती है। पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार नागपंचमी के दिन नागदेवता की पूजा करने से व्यक्ति को राहु-केतु जैसे ग्रहों के दुष्प्रभााव से बचा जा सकता है।अपने जीवन के कष्टों को कम करने के लिए नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने और उन्हें चांदी के नाग नागिन का जोड़ा अर्पित करने से विशेष लाभ मिलता है।
बाकस बाबा मंदिर के बारे मे कहा जाता है कि, किसी को सर्प डंस लेता है तो वहां ले जाने से वो ठीक हो जाता है।नागपंचमी को लेकर प्रशासन पुरी तरह से अलर्ट थी।लगने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर मे बैरैकेटिंग की गयी थी।मदनपुर बीडीओ कुमुद रंजन एवं थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा के निगरानी मे जगह – जगह पर पुलिस पदाधिकारियों मे सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी।पूरे मंदिर परिसर के आसपास खूबसूरत मेला लगाया गया था।मेले मे झूले,खिलौने,दुकानों से पुरा परिसर पट गया था।इस दिन पूरे क्षेत्र मे लोग नमक का त्याग कर मिठा भोजन ग्रहण करते हैँ।स्थानीय लोगों के द्वारा कमिटी का गठन कर भीड़ को नियंत्रित किया गया।